Friday, August 22, 2008

रिमझिम पड़ेला फुहार हो देहियाँ में आग लगाये..
कइसे बचाई आपन जान हो देहियाँ में आग लगाये.

जबसे बलम जी परदेश गइलन, हमारे जियरवा के सुधि नाही लिहलन.
सासु जी के बोलिया में आग हो देहियाँ के आग लगाये..
रिमझिम पड़ेला फुहार हो...........

करेजवा के चीर जाला सहेलियन के बोलिया जरको ना सहाला उनकर ठिठोलिया
कइसे बुझाई आपन प्यास हो देहियाँ में आग लगाये.
रिमझिम पड़ेला फुहार हो...........

भेजतानी संदेसा हम अपना जूनून से सियाही ना समझीय लिखातानी खून से..
जियरा में नाही बाचल आस हो देहियाँ में आग लगाये.
रिमझिम पड़ेला फुहार हो...........

रिमझिम पड़ेला फुहार हो देहियाँ में आग लगाये..
कइसे बचाई आपन जान हो देहियाँ में आग लगाये.

Sunday, August 17, 2008

श्रावण (कृष्णपक्ष) २०६५, १७ अगस्त रविवार से ३० अगस्त शनिवार २००८

श्रावण (कृष्णपक्ष) २०६५, १७ अगस्त रविवार से ३० अगस्त शनिवार २००८

श्रावण (कृष्णपक्ष) २०६५ के शुरुआत १७ अगस्त रविवार से शुरू होके ३० अगस्त शनिवार २००८ तक रहत बा..

पक्ष के कारक ग्रह कारक ग्रह सूर्य, मंगल अउरी गुरु हो जइहें .. ई पक्ष में सूर्य, शुक्र अउरी बुध के राशिः परिवर्तन क्रमशः प्रतिपदा १७ अगस्त, दशमी २६ अगस्त अउरी नवमी २५ अगस्त के होत बा..

कृष्ण जन्माष्टमी २४ अगस्त के हो रहल बा. ओही दिना वैष्णव लोग के बरती के दिन बा.

मेष(चू,चे,चो,ला,लू,ले,लो,ला,अ)माता पिता से सहयोग मिली अउरी २६ अगस्त के बाद आय में वृद्धि के संकेत बा.. अनावश्यक खर्चा से बची जा. पिता के स्वास्थ के प्रति सचेत रहला के काम बा. मूंगा धारण कइला से लाभ होखी..

वृष(ई,उ,ए,ओ,वा,वी,वू,वे,वो)सरकारी कर्मचारी लोग खातिर बढ़िया समय बा.. जोश के बजाय होश से काम लेबे के पड़ी. सूर्य के जल दिहला से और सूर्य नमस्कार से लाभ होखी.. माता रानी के ध्यान धरीं जा लाभ होखी....

मिथुन(का,की,कू,घ,ड,छ,के,को,हा)व्यापारी लोग खातिर बढ़िया समय लेकिन मौसम के मार से सावधान रहे के जरुरत बा.. आय के बढोतरी के संकेत स्पष्ट बा. २५ अगस्त के बाद बढ़िया समय बा..पन्ना धारण करीं जरुर लाभ होखी..

कर्क(हा,हू,हे,हो,डा,डी,डू,डे,डो)जिंदगी में उतार चढाव बनल रही. पक्ष में काला कुकुर के खीर खियायीं लाभ होखी.. खर्चा में बढोतरी के संकेत बा..कालसर्प योग के प्रभाव विशेष नुकसान करी.. शिव आराधना करीं, मोती दान दीं..

सिंह(मा,मी,मू,मे,मो,टा,टी,टू,टे)२५ तारीख तक बढ़िया समय बा बाद में खर्चा बढे के संकेत बा.. कउनो कार्य में संघर्ष करे के पड़ी. व्यापारी लोग सावधान रहे.. सूर्य के जल दिहला से जरुर लाभ होखी, लहसुनिया धारण करीं..

कन्या(टो,पा,पी,पू,ष,ण,ठ,पे,पो)भाई बन्धु से सहयोग के अपेक्षा मत करी, लेकिन २५ के बाद से बढ़िया समय आ रहल बा.. नया काम शुरू करे वाला के अच्छा रही.. पन्ना से लाभ होखी अउरी बुध के बीज मंत्र के जप कराईं..

तुला(रा,री,रू,रे,रो,ता,ती,तू,ते)भाई बंधी से सहयोग के अपेक्षा मत करीं, निराश होखे के पड़ी.. २६ तारीख के बाद अउरी सावधान रहे के जरुरत बा.. माता रानी के ध्यान धरीं लाभ होखी.. हीरा अउरी स्वेत वस्त्र से लाभ होखी...

वृश्चिक(तो,ना,नी,नू,ने,नो,या,यी,यू)धन के लेके चिंता बनल रही. आमदनी होखी भी ता खर्च बनल रही.. संतान से सहयोग मिळत बाकि मूंगा धारण कइला से जरुर लाभ होखी. हनुमान के सेवा करी अउरी हनुमान चालीसा के पथ करी..

धनु(ये,यो,भा,भी,भू,ध,फ,ढ़,भे)गुरु अभी भी वक्री बाड़े लेकिन लग्न बदला से उनकर निशाना पर संतान लोग रही. थोड़ा सावधनी बरते के जरुरत बा.. "ओम नमो वासुदेवाय नमः" के जप करी अउरी शोध कराके पुखराज धारण करी..

मकर(भो,जा,जी,खी,खू,खे,खो,गा,गी)शत्रु लोग से बचे के जरुरत बा.. छोटा छोटा बात में भी संघर्ष करे के पड़ सकेला.. पारिवारिक अशांति के. संकेत बा. दुसर मेहरारू से बचे के जरुरत बा.. हनुमान के भक्ति करीं अउरी नीलम धारण करीं...

कुम्भ(गू,गे,गो,सा,सी,सू,से,सो,दा) पत्नी से अनबन के संकेत बा. बाकि संघर्ष से सफलता मिली. सिंह लग्न वाला विशेष ध्यान दें.. शनि के दान अउरी दिया जलाई.. परीक्षा करके नीलम धारण करीं..हनुमान चालीसा के रोज पाठ करीं..

मीन(दी,दू,थ,झ,ञ,दे,दो,चा,ची)स्वास्थ के प्रति सचेत रहे के जरुरत बा.. गुरु के वक्री रहला से विशेष बीमारी वाला लोग महामृतुन्जय के जाप अवश्य करायें .. पुखराज धारण कइला से लाभ करी. गुरु के बीज मंत्र के जप भी ठीक रही..

Saturday, August 16, 2008

सवाल बड़ा विकट बा. स्वाभाविक बा जवाब भी वईसने होखी. पर सबसे जरुरी ई बा कि सवाल जनमला के कारण जानल जाव. हम पिछला दिनन से चलल आ रहल अमरनाथ श्राइन बोर्ड के जमीन विवाद से उपजल आन्दोलन के बात कर रहल बानी. एगो समस्या बनल बनावल होला अउरी एगो समस्या के बनावल जाला. हालात कईसनो होखे बनावल गईल समस्या के विरोध के पीछे ठाड़ लोगन के हाँ में हाँ मिलावल वईसने बात होखी जइसे शिवजी के भस्मासुर के वरदान दिहल. शिवजी के बचाव खातिर त फ़िर भी विष्णु जी पहुँच गइले पर इंहा उपद्रव के आग में जले वाले निर्दोष लोग के बचाव खातिर के आगे आई.
जहाँ तक हमार जानकारी बा समस्या के शुरुआत जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा अमरनाथ श्राइन बोर्ड के आवंटित जमीन के करार रद्द करे के बाद शुरू भइल. मामला के धर्म से जोड़ के देखल गइल अउरी ठेकदार लोग आपन रोटी सेंके खातिर सड़क पर उतर गइल. पर भाई लोग यदि विरोध करे वाला लोग थोडी देर खातिर ई मान ले कि सरकार केहू के जमीन दिहलस फ़िर वापस ले लिहलस अउरी अइसना कउनो जमीन के आवंटन भइले नइखे त अतना बड बवाल होखला से बच जात. पर इहाँ ई सोचे वाला केहू सामने न आइल अउरी जे भी आगे आईल ओकरा के इहे लागल कि शिवजी ऊ लोग के भस्मासुर समझ के ई मुद्दा के विरोध के आड़ में आपन धार्मिक आ राजनीतिक रोटी सेंके के मौका दे रहल बाडन. बस फिर का? धरम अउरी राजनीति के ठेकेदार लोग भस्मासुर बनके विरोध के आड़ में चाहे एहर के चाहे ओहर के जनता के जला रहल बाड़े.
केहू आदमी बा जे अइसना ठेकेदार लोग से ई पूछ सके कि ई विरोध में अगर सबसे बड नुकसान भइल त केकर भइल. शायद केहू पूछे वाला मिल भी जाए पर का ऊ लोग ताल ठोंक के ई बात स्वीकार सकेला के सावन के महिना में अमरनाथ जाके आपन धार्मिक भावना के पूर्ति करे के समय में ई विरोध के कारण सबसे बड नुक्सान हिंदू धार्मिक भावना के ही भइल. जे ओ तरफ़ चल गईल रहे ओकरा के ई तरफ़ लौटे में परेशानी भइल और जे ओ तरफ़ जाए के तैयारी में लागल रहे ओकरा के अमरनाथ जाए के इरादा बंद करे के पडल. कोढ़ में खाज ई कि ई विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ निर्दोष लोग के जान से भी हाथ धोये के पड़ गइल.
का कउनो राजनीतिक पार्टी या धार्मिक पार्टी जे ई आन्दोलन में अग्रणी रहे निर्दोष लोग के मौत के जिम्मेदारी लेबे के तैयार बा? का ऊ लोग ताल ठोंक के कह सकेला कि जवना लोग के मौत भइल उनमे से केहू भी उनकर पार्टी या घर से सम्बन्ध रखेला? कतई ना. ई विरोध प्रदर्शन में जेतना लोग के जान गइल सब निर्दोष लोग बा. शायद ऊ लोग के मौत के जिम्मेदारी सरकार पर थोप के एक अउर विरोध प्रदर्शन के तैयारी हो जाव पर इतना जरूर तय बा कि अइसना हर विरोध प्रदर्शन में हमेशा निर्दोष लोग के ही मौत होखी न कि राजनीति अउरी धर्म के रोटी सेंके वाला अगुआ लोग के.
बात इहें ख़तम हो जाईत तबो गनीमत रहित पर हद त तब हो गईल जब एही बात के लेके देश भर में चक्का जाम के रुपरेखा अमली जामा पहिनावल गइल अउरी कानपूर तथा पंजाब में चक्का जाम के दौरान जाम के कारण २ बीमार लोग के मौत भइल. ई बीमार लोग के न त विरोध करे वाला से मतलब रहे न ही सरकार से. सारा दिन स्क्रीन मीडिया चक्का जाम के अगुआ लोग से सवाल करत रह गइल कि ई मौत के जिम्मेदारी के लिही पर केहू सामने ना आइल. एक नेता महोदय अईले भी त ई कह के छुट्टी पइले कि बीमार लोग के अस्पताल जाए के का उहे रास्ता मिलल रहे. उनकर जवाब देबे के अंदाज अइसन रहे कि यदि पलट के ई सवाल हो जात कि केवल उहे रास्ता होत तब का होत त ऊ जरूर अपना तरफ़ से दुसर रास्ता के नक्शा बने के देखा देते.
अपना जोश में ऊ इहो बात भूल गइले कि ऐ तरह से चक्का जाम करे वाला हर पार्टी के अगुआ लोग चक्का जाम के समय जरूरी अउरी आकस्मिक सेवा में छेड़खानी न करे खातिर गला फाड़ के नारा लगावेले सन. पर हकीकत एहे बा कि जमीनी धरा पर अइसना कउनो नारा अउर वादा के मतलब न होला. आप लोग के हमार बात समझ में आइल होखे त हमार कहे के मतलब सिर्फ़ एतने बा कि वजह जो भी हो अउरी विरोध करे वाला केहू भी होखे यदि उनकर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक भी मौत के संभावना होखे त या त विरोध के धारणा ही न बने या फ़िर अइसना समय पर होखे वाला कउनो भी निर्दोष लोग के मौत के जिम्मेदारी भी लेबे के तैयार रहे लोग. यदि अगुआ लोग एकरा खातिर तैयार न होत बा त अइसना हर विरोध के नकारल बहुत ही जरुरी बा नाही त समाज के हालात वइसन शिवजी जइसन हो जाई जेकरा पीछे भस्मासुर रूपी धर्म और राजनीति के अगुआ लोग उनकर के जरावे खातिर हमेशा तैयार मिली.
ई खेला में जब भी नुकसान होखी जनता के ही होखी एहिसे चेते के जिम्मेदारी भी जनता के ही बा फ़िर जनता चाहे एहर के हो या ओहर के. एही से जरुरत बा कि जनता बिल्लीनुमा बनावल समस्या के समय रहते ही पहचान जाव नाही त बीच बचाव करे खातिर जब भी बन्दर रूपी धरम या राजनीति के अगुआ लोग आगे आयी त जनता के उहे हाल होखी जऊन हाल दू बिल्ली के लडाई में बन्दर के बीच बचाव करत समय भइल रहे. दूसरा अर्थ में हमार कहे के मतलब ई बा कि समाज के अइसन स्थिति से बचे के जरूरत बा जहाँ बिल्ली के गला में घंटी बांधे के जरुरत पड़े नाही त ई सवाल हमेशा बनल रही कि बिल्ली के गला में घंटी बांधी के.